Wednesday, September 8, 2010

इराकी बच्चे बाजार में

आज फिर लौट आया खाली हाथ बाजार से
चाहता तो यही हूँ
कि मैं भी तुम्हारे लम्बे काले बालों के लिए
बाजार से शेम्पू ले आऊँ
खुषियों की डिलेवरी करने वालों से पिज्ज़ा लेता आऊँ
बच्चे के लिए रिमोट कार
आखिर कौन नहीं चाहता ख़ुशियाँ

चाहता तो मैं भी हूँ
कि जाऊँ बाजार, ले आऊं
चेहरे की झुर्रियां मिटाने वाली क्रीम
चाहता तो मैं भी यही हूँ
कि बाल तुम्हारे रेशमी और
त्वचा विज्ञापन वाली लड़की सी दमकती रहे

पर क्या करुँ
कि इसके लिए जाना पड़ेगा बाजार
जहाँ मुझे सबसे अधिक डर लगता है
मैं सच कह रहा हूँ
भरोसा करो मेरा
मै हिम्मत जुटा कर गया था बाजार
कि ले आऊँगा तुम्हारे लिए परफ्यूम
और अपने लिए बालों का तेल

कि मुझे फिर चारों तरफ दिखायी देने लगे
इराकी़ बच्चे
हर दुकान. हर सड़क. टेलीविजन और हर होर्डिग्स में
बोतलों से झांकते इराकी बच्चे
किसी की एक आंख गायब थी
किसी का एक पैर
किसी का आधा शरीर
सड़क पर इराकी बच्चों के सिर पड़े हैं
किसी का सिर्फ एक हाथ हिल रहा था
और कह रहा था।
मुझे बचा लो

मेरे न चाहने पर भी, मेरी नजर
उस ओर चली ही जाती है
मुझे माफ करना।

Brijraj

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