शहीद
तुम लड़ोगे
तुम लड़ाके हो
तुम लड़ते हो रोटी के लिए
तुम लड़ते हो हक के लिए
तुम्हें कोइ पदक नहीं मिलेगा
न ही कोइ प्रषस्ति पत्र
तुम्हारे मरने पर तुम्हें सलामी भी नहीं दी जाएगी
तुम्हारे मरने पर
तुम्हें स्वर्ग नहीं मिलेगा
न ही जीतने पर
भोगने के लिए धरती
तुम्हें गाजी भी नहीं कहा जाएगा
तुम्हें शहीद भी नहीं कहा ज ाएगा
अलबत्ता तुम्हारा शरीर छलनी
हो गया होगा
फिर भी तुम्हारा मुठ्ठी बंधा हाथ उठा रहेगा
Brijraj
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